स्थानीय व्यंजन महोत्सव का भव्य आयोजन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटला बरोग

Pachhad SIRMOUR (सिरमौर)

SIRMOUR NEWS – राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कोटला बरोग में भारतीय भाषा ग्रीष्मकालीन शिविर के अंतर्गत एक भव्य स्थानीय व्यंजन महोत्सव का आयोजन विद्यालय परिसर में किया गया। यह कार्यक्रम विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा पूरी तरह से योजना बनाकर, सृजनात्मक रूप से सजाया गया था, जिसमें हिमाचली परंपरा, संस्कृति तथा खान-पान की झलक देखने को मिली।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देवेंद्र कंवर, प्रधान, ग्राम पंचायत दारो देवरिया रहे। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में अभिभावकों व अन्य पंचायत सदस्यों की उपस्थिति भी रही। विद्यालय के प्रधानाचार्या बंसी लाल नेगी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा पुरस्कार वितरण भी उन्हीं के कर-कमलों से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में स्थानीय खान-पान, परंपराओं और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। स्थानीय व्यंजन महोत्सव में लगभग 30 से अधिक पारंपरिक व्यंजन प्रदर्शित किए गए, जिनमें प्रमुख रूप से “मीठे सिडडू”, “खीर पटांडे”, “घी शक्कर लुशके”, “गुलगुले”, “नमकीन सिडडू”, “तिल के लड्डू”, “आलू पूरी”, “कांगणी की खीर”, “मक्की की रोटी धिंधडे”, “चिलटे”, “घींडा”, “खोआ” “जलेबी” “बाकटे” तथा अन्य स्थानीय पकवान शामिल रहे। विद्यार्थियों ने इन व्यंजनों को स्वयं अपने अभिभावकों व अध्यापकों की सहायता से तैयार किया और रंग-बिरंगे स्टालों पर उन्हें सजाकर प्रस्तुत किया।
इस आयोजन के प्रभारी के रूप में हिंदी विषय के प्राध्यापिका श्रीमती रमा एवं भाषा शिक्षिका सुषमा कुमारी (LT)ने विशेष भूमिका निभाई। इन दोनों शिक्षिकाओं ने न केवल आयोजन की संपूर्ण रूपरेखा तैयार की, बल्कि विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देकर कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
भारतीय भाषा ग्रीष्मकालीन शिविर के अंतर्गत यह आयोजन भाषा, संस्कृति और परंपराओं को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा। विद्यार्थियों को अपनी भाषा में रचनात्मकता प्रकट करने का अवसर मिला, साथ ही वे अपने परिवेश और सांस्कृतिक विरासत को गहराई से समझ सके।
कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाचार्या महोदया द्वारा विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट स्टालों को पुरस्कार प्रदान किए गए। इन श्रेणियों में ‘सर्वश्रेष्ठ स्वाद’, ‘सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति’, ‘सर्वश्रेष्ठ सजावट’ तथा ‘लोकप्रिय व्यंजन’ जैसी श्रेणियाँ शामिल थीं। बच्चों की रचनात्मकता और सामूहिक प्रयासों को खूब सराहा गया।
मुख्य अतिथि देवेंद्र कंवर ने विद्यार्थियों के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि “ऐसे आयोजनों से न केवल बच्चों में सांस्कृतिक जागरूकता आती है, बल्कि उनमें नेतृत्व, सहयोग और आत्म-विश्वास का भी विकास होता है। विद्यालय का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है।”
इस कार्यक्रम में प्रथम स्थान रेचल(9वीं), सक्षम (6वीं), दूसरा स्थान अमन(10वीं), विश्वजीत (10वीं), तीसरा स्थान आकर्ष(6वीं), नव्या का रहा।
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि सही मार्गदर्शन और मंच मिले, तो बच्चे न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में, बल्कि सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों में भी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं।