सिरमौर न्यूज़ / पांवटा साहिब
हिमाचल प्रदेश का पहला सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम बदइंतजामी और जनता के आक्रोश की भेंट चढ़ गया। कार्यक्रम में पहुंचे लोगों ने जल शक्ति विभाग, पीडब्ल्यूडी और कानून व्यवस्था के मामले में सरकारी विभागों की बखियां उधेड़ कर रख दी।
पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के आंजभोज क्षेत्र में आयोजित हुआ प्रदेश का पहला “सरकार गांव के द्वारा” कार्यक्रम में सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली की कलई खुल गई। कार्यक्रम के दौरान शिकायतकर्ताओं ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और जिला प्रशासन के समक्ष विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली की पोल खोल कर रखी दी। सबसे अधिक शिकायतें जल शक्ति विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर पहुंची। क्षेत्र का शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जहां लोगों को पीने के पानी की समस्या ना हो। अधिशाषी अभियंता जल शक्ति विभाग को मंत्री ने भी जमकर लताड़ लगायी और सख्त आदेश दिए की लोगो की समस्याओं का समाधान करें। आने वाले डेढ़ महीने में भीषण गर्मी के चलते लोगो को पीने का पानी उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाए जिसके लिए अधिकारी खुद भी AC दफ्तरों से बाहर निकल कर जनता के बीच जाएं। इसके अलावा कानून व्यवस्था को लेकर भी शिकायतें पहुंची। जनता ने पीडब्ल्यूडी विभाग को भी जम कर लताड़ लगाई। बताते चलें कि क्षेत्र कि लगभग सभी सड़क खस्ता हाल हैं। इन सड़कों पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है और अब सरकार सड़कों को ठीक करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। ऐसे में विभिन्न विभागों से संबंधित समस्याओं से त्रस्त लोगों ने उद्योग मंत्री के समक्ष जमकर खरी-कोटी सुनाई। कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के लोगों ने विभागों की कार्यप्रणाली की पोल खोली तो सरकार में बेहद पावरफुल मिनिस्टर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को भी जनता के पक्ष में आना पड़ा। हालांकि समूचे कार्यक्रम के दौरान सरकारी अव्यवस्थाओं को लेकर डीसी सिरमौर और एडीसी सिरमौर चुप्पी साधे रहे। मगर, मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विभागीय अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने माना कि आंजभोज क्षेत्र विकास के मामले में पिछड़ा है लिहाजा, अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए कंफर्ट जोन से बाहर निकलें। फील्ड में जाएं और समस्याओं का प्रेरित निराकरण सुनिश्चित करें।
सरकार गांव के द्वारा कार्यक्रम में जितनी भी समस्याएं पहुंची वह समस्याएं पहले ही विभागों के समक्ष रखी जा चुकी हैं। मगर निठल्ले अधिकारियों की वजह से समाधान नहीं हुए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अधिकारी पावरफुल मिनिस्टर के निर्देशों और आदेशों का पालन करते हैं या अब भी अपने AC दफ्तरों में बैठ कर सिर्फ कागज काले करते रहेंगे।