मंत्री के सामने पुलिस और प्रशासन की फ़जीहत

Himachal Pradesh

सिरमौर न्यूज़ / पांवटा साहिब

प्रतिबंधित समय पर ओवरलोड डम्परों की आवाजाही मामले में मंत्री के सामने पांवटा प्रशासन और पुलिस की तगड़ी फ़जीहत हो गयी। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रतिबंधित समय पर चल रहे 80 से अधिक डम्परों को रोक दिया। शिवपुर, हरिपुर टोहाना आदि गांव के लोगो ने हिमाचल के मंत्री का रास्ता रोक लिया और जमकर भडास निकाली। इतना ही नही लोगो ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियो की जमकर पोल खोली और गुस्से में तमतमाए लोगो ने अधिकारियो के सामने ही मंत्री को अधिकारियो के बारे में खरी खरी सुना डाली।
स्थानीय लोगो ने बताया की रोजाना ओवरलोड डम्पर इस सड़क से गुजरते है, उनकी आवाजाही के लिए रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक का समय प्रशासन द्वारा निर्धारित किया गया है लेकिन बावजूद इसके सुबह पांच बजे के बाद भी कई डम्पर इन सड़क मार्गो से आवाजाही करते है जिनपर अंकुश लगाने वाला कोई नहीं। हालाँकि पुरुवाला पुलिस थाना इस सड़क मार्ग पर ही स्थित है बावजूद इसके भरी भरकम वाहन दिन के समय भी यहाँ से आवाजाही कर रहे है। स्थानीय लोगो का कहना है की प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत के बिना वाहन चालक सुबह पांच बजे के बाद से वाहन नहीं दौड़ा सकते है। प्रशासन मुंह पर पट्टी बांधे रहता है, खानापूर्ति के लिए पुलिस काम करती है थोडा बहुत चालान काट देती है उसके बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। ओवरस्पीड और नशे की हालत में डम्पर चलाने वाले चालकों की वजह से शहर में कई दुर्घटनाऐ हो चुकी है। प्रशासन पूरे तरीके से धृतराष्ट् की भूमिका निभा रहा है। यदि पुलिस और प्रशासन चाहते तो आज लोगो को मंत्री का काफिला बीच में रोकने की जरूतर न पड़ती और न ही अधिकारी मंत्री के सामने अपनी फ़जीहत होते देखते।
आपको बताते चले की बीते दिनों RTO सोना चौहान के भी 12 लाख की राशि का जुर्माना डम्पर चालकों / मालिकों पर लगाया था। जबकि बांगरण पुल के ऊपर से रोजाना ज्यादा भार ढ़ोया जा रहा है जबकि पुल के ऊपर से इतने भारी भरकम वाहन नहीं गुजरने चाहिए। इस तरफ लोक निर्माण विभाग , पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रहे है। कई बार एक ही समय में एक ही कतार मे कई डम्पर इस पुल के ऊपर से गुजरते हुए देखे गए है।
आज मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने ग्रामीणों की बात को सुना और जनता की बात को सही माना ,मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने बडे सलीके से क्रोधित जनता की बात को सुना और एक सप्ताह का समय देते हुए कहा कि जिलाधीश व स्थानीय नुमाइन्दो को साथ लेकर बैठक की जाऐगी और ठोस नीति बनाते हुए इस समस्या से लोगो को निजात दिलाई जाऐगी।